मेरा पहला हिंदी पत्र

आज मैं अपना पहला पत्र हिन्‍दी में लखने जा रहा हूँ आशा है कि आप सबको यह पसन्‍द आयेगा।

करीब तीन महिने से गुगल ब्‍लाग की सहायता से अब तक चार ब्‍लाग बना चुका हूँ। हिंदी में लिखने की बहुत दिनों से एक दिल में तम्‍मन्‍ना थी, सो लिखना शुरू कर दिया।
कुछ अपने बारे में –

अपने आप को पहचानों

आज के युग में जरूरत है अपने आपको पहचानने की। इसके लिए जरूरत है आपको अपने अंदर आत्‍मविश्‍वास जगाने की। मैं भी कुछ हूँ और जिंदगी में मै भी कुछ प्राप्‍त कर सकता हूँ, ये भावना अपने अंदर होनी जरूरी है। अपने अंदर जो गुण छुपे हुए हैं उनका विकास किजिए,

इंटरनेट पर धोका-धडी़ - मुफ्त मोबाईल रिचार्ज

आपको यह जान कर थोडा अचरज तो होगा कि इंटरनेट पर धोका-धडी चल रही है। लेकिन यह कोई नई बात नहीं है। ज्‍यादातर इसमें लडकीयों की मदत ली जाती है। (मेरे मित्र का व्‍यक्तिक अनुभव) यह भी एक पैसा कमाने का या युँ क‍हिए धोका देने का एक जरीया है। कैसे?

शर्माजी की आपबीती -

इंटरनेट

इंटरनेट आपके गणक यंत्र (कम्‍पुटर) को दुनिया के गणक यंत्रों से जोडता है। आप इसके द्वारा बहुत सी जानकारीयाँ प्राप्‍त कर सकते हैं। इसका उपयोग ज्‍यादातर नौजवान करते हैं। रूकिए गलत मतलब मत निकालिए, नौजवान इसका उपयोग आवेदन करने, नए पाठ्यक्रम जानने के लिए करते हैं। इससे व‍ह अपनी जीविका (व्‍यवसाय) को नई दिशा प्रदान करते हैं। नौकरी का आवेदन भी आज इंटरनेट के माध्‍यम से होता है। शहरों की बात तो छोडिए अब तो गॉंवों में भी लोग इंटरनेट का उपयोग करने लगें हैं। आज इंटरनेट पर समाचार-पत्र, शब्‍दकोश, व्‍याकरण, नए-नए साधनों का विज्ञापन, आदि बहुत-सी बातों की जानकारी आपको मिल जाएगी। बस आपको अपने गणक यंत्र को इंटरनेट से जोडना मात्र है,

संदेशवाहक (मेसेंजर)

याहू, एम.एस.एन., गुगल, रेडिफ, आदि संदेश वाहक आज बहुत लोकप्रिय हैं। बहुत से नौजवान लडके और लडकियॉं आज इसके पिछे दिवाने हैं। मैं एक इंटरनेट चलाता हूँ, और वहॉं रोज बहुत से लडके-लडकियों को संदेश वाहक पर संदेश भेजते हुए देखता हूँ। संदेशवाहक पर संदेश भेजने में कोई बुराई नहीं है। पर संदेशों का क्‍या? क्‍या संदेशों के बारे में किसी ने सोचा है, किस तरह के संदेश होते हैं? उनमें क्‍या लिखा होता है। आज हर लडका और लडकी के मन में एक दबी हुई ख्‍वाईश होती है कि अपने से विरूध्‍द लिंग (लडका हो तो लडकी से और लडकी हो तो लडके से) बात करना, दोस्‍ती करना चाहता/चाहती है। कभी-कभी ऐ एक व्‍यस्‍थ्‍य जीवन के लिए अच्‍छी बात है। लेकिन 99% लोग संदेशवाहक का गलत उपयोग करते हैं।